बुधवार, 17 अक्तूबर 2012

सेबास्तियाँव साल्गादो के नज़रिए से मजदूर

सोलह हज़ार लोगों के बीच ब्राज़ील के एक छोटे से कस्बे में सेबास्तियाँव साल्गादो का जन्म जब १९४४ में हुआ, तो साथ के लोगों को शायद ये यकीन न था कि अपने जीवन और जीवन-सन्दर्भों को ये लड़का इतने मुक़म्मल तरीके से दर्ज़ करेगा. साल्गादो ने अपनी उम्र और नज़र अपनी मनमर्ज़ी की योजनाओं में लगा दी है और दुनिया के लगभग सौ देशों में घूम-घूम कर चीज़ों का शिकार अपने कैमरे से किया करते हैं. कुछ साल पहले साल्गादो ऐसी ही एक परियोजना का प्रकाशन लेकर उजाले में आये, जो थी 'Workers'. घूम-घूमकर कई देशों से किस्म-किस्म के मजदूरों की तस्वीरें उतारी, उनके साथ और आसपास को दर्ज़ किया और उन्हें शक्ल दे दिया एक ख़ालिस क़िताब का. जो चाय-कॉफ़ी पीने वालों और कोयले का दोहन करने वालों को यह दिखाती थीं कि हमारी सबसे ज़रूरी चीज़ें कहाँ से सम्भव होती हैं. और 'Genesis' के माध्यम से लोगों को साल्गादो ने यह दिखाया कि आदिकालीन जीवन अब भी कहाँ है? जानवर कहाँ है और कैसे हैं? ब्लैक एंड व्हाईट तस्वीरों में कम एक्स्पोज़र और ज़्यादा सैचुरेशन का इस्तेमाल साल्गादो बखूबी कर लेते हैं. तो पेश-ए-खिदमत हैं ऐसी ही कुछ तस्वीरें...और उनके बारे में कुछ बातें यहाँ .












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